सुगंधित फूलों और मीठे फलों से भरा होगा छत्तीसगढ़ का राम-मार्ग


डेढ़ लाख से ज्यादा पौधे रोप रही है सरकार

रायपुर। भगवान राम के एक पडा़व से दूसरे पडा़व तक ले
जाने वाले मार्ग के दोनों किनारों पर नाना प्रकार के फूलों और फलों के वृक्ष रोपित किए जा रहे हैं। इस मार्ग पर पर्यटकों को अनेक तरह की वनौषधियों के भी दर्शन होंगे। पूरे राम वन गमन पथ पर ऐसा वातावरण निर्मित किया जा रहा है, जिससे राम के वनवास काल का मनोरम छत्तीसगढ़ सजीव हो उठे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर इसी महीने काम शुरु हो जाएगा। राम के वनवास काल से संबंधित 75 स्थानों को चिन्हित कर उन्हें नये पर्यटन सर्किट के रुप में आपस में जोडा़ जा रहा है। पहले चरण में उत्तर छत्तीसगढ़ में स्थित कोरिया जिले से लेकर दक्षिण के सुकमा जिले तक 9 स्थानों का सौंदर्यीकरण तथा विकास किया जा रहा है। इस पर 137 करोड़ 75 लाख रुपये खर्च होंगे। ये सभी स्थान पहले ही प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर हैं। अब इन्हें और भी हराभरा किया जाएगा। सभी चयनित पर्यटन-तीर्थों पर सुगंधित फूलों वाली सुंदर वाटिकाएं तैयार की जाएंगी। राम वन गमन के 528 किलोमीटर मार्ग के दोनों किनारों पर डेढ़ लाख से अधिक पौधे रोपित करने की जिम्मेदारी वन विभाग को दी गई है। मूल परियोजना पर काम शुरु होने से पहले ही विभाग ने अपना 90 प्रतिशत काम पूरा भी कर लिया है। पूरे मार्ग पर पीपल, बरगद, आम, हर्रा, बेहड़ा, जामुन, अर्जुन, खम्हार, आंवला, शिशु, करंज, नीम आदि के पौधों का रोपण किया जा रहा है। इन पौधों की सुरक्षा के लिए बांस से बने विशेष तरह के ट्री-गार्डों का उपयोग किया जा रहा है, जो पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल हैं। इनका निर्माण महिला स्व सहायता समूहों द्वारा किया गया है।

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