नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित एलजी पॉलीमर इंडिया में गैस रिसाव मामले में कंपनी को मंगलवार को आंशिक राहत प्रदान करते हुए उसके 30 पदाधिकारियों को संयंत्र में प्रवेश की अनुमति दे दी। शीर्ष अदालत ने हालांकि, इस मामले में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एम एम शांतनगौदर और न्यायमूर्ति विनीत सरन की खंडपीठ ने कंपनी को उन 30 पदाधिकारियों की सूची शाम तीन बजे तक जिला कलेक्टर को सौंपने का निर्देश जिन्हें संयंत्र में प्रवेश की अनुमति दी जानी है।
एलजी पॉलीमर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि तीन दिन पहले कंपनी राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के आदेश के खिलाफ आयी थी। अब उच्च न्यायालय खुद एक समिति बन गया है। इसके अलावा, उच्च न्यायालय ने संयंत्र को सील कर दिया है। संयंत्र में जहरीले पदार्थ हैं जिनकी जांच जरूरी है और इसका निरीक्षण सिर्फ कंपनी के विशेषज्ञ कर सकते हैं। श्री रोहतगी ने कहा कि कंपनी जांच में सहयोग कर रही है, लेकिन सात समितियां मामले की जांच कर रही हैं। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए आठ जून की तारीख मुकर्रर की है।
Tags
देश