खेल बजट में 50 करोड़ रुपये की मामूली वृद्धि

नई दिल्ली। एक तरफ भारत को जहां खेलों में महाशक्ति बनाने के दावे किये जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सरकार ने खेल बजट में मात्र 50 करोड़ रुपये की वृद्धि की है। सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए पेश बजट में खेलों के लिए 2826.92 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं जो 2019-20 के संशोधित अनुमान के मुकाबले मात्र 50 करोड़ रुपये ज्यादा हैं। हालांकि यह ओलंपिक वर्ष है और इस साल टोक्यो में ओलंपिक का आयोजन होना है लेकिन ओलंपिक वर्ष में ही खेलों के लिए बजट उत्साहजनक नहीं रहा है। 2019-20 के लिए पहले बजट 2216.92 करोड़ रुपये रखा गया था जिसे बाद में बढ़ाकर 2776.92 करोड़ रुपये किया गया था।
भारत ने 2016 में पिछले रियो ओलंपिक में मात्र दो पदक जीते थे जो 2012 के लंदन ओलंपिक के छह पदकों के मुकाबले काफी कम थे। सरकार ने रियो के बाद अगले तीन ओलंपिक 2020, 2024 और 2028 के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई ताकि भारत ओलंपिक में अपनी पदक संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि कर सके। लेकिन बजट में सिर्फ 50 करोड़ रुपये की वृद्धि ने खेल जगत को निराश किया है। सरकार ने कुल खेल बजट में मात्र 50 करोड़ रुपये की वृद्धि की है लेकिन उसने अपने महत्वाकांक्षी खेलो इंडिया कार्यक्रम में 312.42 करोड़ रुपये की भारी भरकम वृद्धि की है। खेलो इंडिया के तीसरे संस्करण का हाल में असम के गुवाहाटी में आयोजन हुआ था और खेल मंत्रालय का मानना है कि खेलो इंडिया से उसे भविष्य के चैंपियन मिलेंगे।

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