मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान का कहना है कि उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी पर बायोपिक फिल्म बनाना मुश्किल काम है। बॉलीवुड में इन दिनों स्पोट्र्स बायोपिक का ट्रेंड चल रहा है। भारत के बेहतरीन स्पोट्र्समेन में से एक माने जाने वाले मंसूर अली खान पटौदी की बायोपिक को भी लेकर चर्चा होने लगी है। सैफ से पूछा गया कि क्या वह अपने पिता मंसूर अली खान पटौदी की बायोग्राफी को लिखना या उस पर बायोपिक बनाना पसंद करेंगे, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि बायोग्रफी लिखना एक बात है और फिल्म बनाना एक। उनकी जिंदगी पर आधारित फिल्म बनाना बेहद मुश्किल होगा।
सैफ ने कहा कि उनके पास पर्याप्त तथ्य भी नहीं हैं कि उसे लिख सकें, ऐसे में किसी को उनके बारे में लिखना पड़ेगा। काफी सारी चीजें हैं, खासतौर पर जब उनका निधन हुआ, तब काफी सारे आर्टिकल्स और स्टोरीज लिखी गई थीं। एक शख्स उन पर किताब लिख रहा था लेकिन उससे कुछ खास हुआ नहीं। मां शर्मिला टैगोर उससे ज्यादा खुश नहीं थीं। सैफ को लगता है कि इस पर एक अच्छी कहानी लिखी जा सकती है। सैफ ने कहा, "पिता की जिंदगी पर एक टिपिकल बॉलीवुड फिल्म काम नहीं कर सकेगी। वह कहते हैं कि वह फिल्म बनाने के राइट्स भी तब तक नहीं दे सकते हैं, जब तक फिल्म अच्छी ना हो। सैफ को नहीं लगता है कि यह हिंदी फिल्म हो सकती है क्योंकि उनके पिता इंटरनेशनल पर्सनैलिटी थे।
सैफ ने कहा कि उनके पास पर्याप्त तथ्य भी नहीं हैं कि उसे लिख सकें, ऐसे में किसी को उनके बारे में लिखना पड़ेगा। काफी सारी चीजें हैं, खासतौर पर जब उनका निधन हुआ, तब काफी सारे आर्टिकल्स और स्टोरीज लिखी गई थीं। एक शख्स उन पर किताब लिख रहा था लेकिन उससे कुछ खास हुआ नहीं। मां शर्मिला टैगोर उससे ज्यादा खुश नहीं थीं। सैफ को लगता है कि इस पर एक अच्छी कहानी लिखी जा सकती है। सैफ ने कहा, "पिता की जिंदगी पर एक टिपिकल बॉलीवुड फिल्म काम नहीं कर सकेगी। वह कहते हैं कि वह फिल्म बनाने के राइट्स भी तब तक नहीं दे सकते हैं, जब तक फिल्म अच्छी ना हो। सैफ को नहीं लगता है कि यह हिंदी फिल्म हो सकती है क्योंकि उनके पिता इंटरनेशनल पर्सनैलिटी थे।
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