नई दिल्ली। भारत और चीन की सेनाओं के बीच सीधे बातचीत के लिए बहुप्रतिक्षीत हॉटलाइन जल्द ही शुरू होने वाली है। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने आज यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों सेनाओं के बीच हॉटलाइन शुरू करने से संबंधित सभी मुद्दों का समाधान हो गया है और सैन्य संचालन महानिदेशक के स्तर पर यह हॉटलाइन जल्द ही शुरू होने वाली है।
उन्होंने कहा कि दोनों सेनाओं के बीच हॉटलाइन शुरू करने के बारे में काफी समय पहले सैद्धांतिक सहमति बन गयी थी लेकिन इसमें कुछ अड़चनें थी जो दूर हो गयी हैंं। इससे पहले दोनों सेनाओं के बीच प्रक्रियागत जटिलताओं के चलते भी हॉटलाइन शुरू नहीं हो पा रही थी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने सेना प्रमुख रहते हुए कहा था कि सबसे बड़ी समस्या भाषा को लेकर है। सीधे फोन करने पर दूसरी ओर से फोन उठाने वाले व्यक्ति को वह भाषा आनी चाहिए जिसमें फोन करने वाला व्यक्ति बात करना चाहता है। उन्होंने कहा था कि दुभाषिया हर वक्त मौजूद नहीं रह सकता। जनरल नरवणे ने कहा कि चीन की सीमा पर स्थिति शांति, मैत्री तथा सौहार्दपूर्ण है। दोनों देशों के बीच राजनीतिक नेतृत्व की बातचीत के बाद से स्थिति सामान्य है और छिटपुट मुद्दों का निचले स्तर पर ही समाधान कर लिया जाता है।
उन्होंने कहा कि दोनों सेनाओं के बीच हॉटलाइन शुरू करने के बारे में काफी समय पहले सैद्धांतिक सहमति बन गयी थी लेकिन इसमें कुछ अड़चनें थी जो दूर हो गयी हैंं। इससे पहले दोनों सेनाओं के बीच प्रक्रियागत जटिलताओं के चलते भी हॉटलाइन शुरू नहीं हो पा रही थी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने सेना प्रमुख रहते हुए कहा था कि सबसे बड़ी समस्या भाषा को लेकर है। सीधे फोन करने पर दूसरी ओर से फोन उठाने वाले व्यक्ति को वह भाषा आनी चाहिए जिसमें फोन करने वाला व्यक्ति बात करना चाहता है। उन्होंने कहा था कि दुभाषिया हर वक्त मौजूद नहीं रह सकता। जनरल नरवणे ने कहा कि चीन की सीमा पर स्थिति शांति, मैत्री तथा सौहार्दपूर्ण है। दोनों देशों के बीच राजनीतिक नेतृत्व की बातचीत के बाद से स्थिति सामान्य है और छिटपुट मुद्दों का निचले स्तर पर ही समाधान कर लिया जाता है।
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